लोगों की राय

नई पुस्तकें >> पूर्ण पुरुष

पूर्ण पुरुष

विजय पण्डित

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16619
आईएसबीएन :9789355183651

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

पूर्ण पुरुष लड़खड़ाने को बाध्य और चलने को विवश अस्मि पीड़ा की कहानी है। अपने तेवर में अनित्य आधुनिक ये नाटक कथ्य में स्त्री-पुरुष के शाश्वत आकर्षण और चिर मुठभेड़ों में घायल कर हो रहे दाम्पत्य की कथा वाचता है।

चित्रकार समग्र से जी-जान से प्रेम करने वाली बीद्धिक ‘शाश्वती’ विवाह के बाद भीतिक स्थओं से भरी महत्वाकांक्षी और स्वार्थी स्त्री में बदल जाती है। उसकी अनन्त अपेक्षाएँ सामान्य पति समग्र में पूर्ण पुरुष तलाशती है और न मिलने पर सर्वसमर्थ अतिरेक’ की ओर आकर्षित हो जाती है किन्तु शाश्वती पूरी तरह स्वार्थीसवदनाशून्य और नकारात्मक चरित्र हैयह भी अपूर्ण सत्य है। इसके वरअक्स प्रतिभाशाली चित्रकार कथा-नायक ‘समग्र’ संवेदनशीलता-जन्य अकर्मण्यता का वाहक है जिसे एक चुटकी अहंकार विश्वसनीयता से भर देता है। तथाकथित अव्यावहारिक और असफल ये पात्र भी दाम्पत्य में चोटिल होकर एक प्रेमिल साथी की आस में आस्था की ओर झुकता हैकिन्तु नान्यः पन्था।

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book